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आखर री औकात, पृष्ठ- 44 / सांवर दइया
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आभै पूग्या म्हे
कद-किंयां ना पूछो
आंकड़ा देखो
०००
हरख करै
हाड बायरी जीभ
भूख कायम
०००
सौगनां खाय
खाली हियै बावड़ै
राजघाट सूं
०००
आंधी में उड्यो
मन बिचाळै चिण्यो
छोटो-तो घर
०००
कांईं कैवोला
बिना सुण्या ई जाणा
आ खास बाणी
०००