तेवड़ ले तो
तोड़ न्हाखै किनारा
पाणी रा धारा
०००
थे चेतो परा
लोग, लोह नीं रैया
लाय है अबै
०००
आज सूं थे तो
बींटा गोळ समझो
माटी जागगी
०००
पग पुख्ता व्है
म्हे ई लड़ा थां साथै
काळी आंध्यां सूं
०००
गोळी मारो का
चढावो सूळी माथै
जोत नीं मरै
०००