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आज़ादी की चौवनवीं वर्षगाँठ पर / किरण अग्रवाल
Kavita Kosh से
हृदय खाली है
सम्वेदनाएँ सुन्न
कैसे गाऊँ देशभक्ति का कोई गीत
आज़ादी की चौवनवीं वर्षगाँठ पर
जबकि आज़ादी शब्द का अर्थ
भूल चली हूँ मैं
गांधी, नेहरू, सुभाष, भगतसिंह और आज़ाद
महज नाम हैं चन्द
और स्वतन्त्रता प्राप्ति के लिए बहाया गया लहू
महज एक विवरण
जिन्हें परीक्षा भवन के भीतर ही याअ रखा जाता है सिर्फ़
इतिहास के पर्चे में
और इतिहास का पर्चा दिए
एक ज़माना गुज़र गया मुझे