आज का दिन कितना अच्छा है 
तेरी याद का फूल खिला है 
मेरी सोच से बाहर आकर 
तू कितना अच्छा लगता है 
झगड़ा तो दुनिया से होगा 
तेरा-मेरा क्या झगड़ा है 
सूख रहा है पेड़ वो जिस पर 
तेरा मेरा नाम लिखा है 
काश कि तू भी सुनता होता 
मेरी इक-इक सांस सदा है