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आज का दिन कितना अच्छा है / शीन काफ़ निज़ाम
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आज का दिन कितना अच्छा है
तेरी याद का फूल खिला है
मेरी सोच से बाहर आकर
तू कितना अच्छा लगता है
झगड़ा तो दुनिया से होगा
तेरा-मेरा क्या झगड़ा है
सूख रहा है पेड़ वो जिस पर
तेरा मेरा नाम लिखा है
काश कि तू भी सुनता होता
मेरी इक-इक सांस सदा है