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आज की दुनिया / समझदार किसिम के लोग / लालित्य ललित

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कितनी बार
आप मरते हो ?
जीवन में
एक बार !
नहीं कई-कई बार
मास्टर, प्रेयसी, पिता, पत्नी
बच्चों, सगे-संबंधियों की
टीका-टिप्पणी पर
पड़ोसियों से बदसलूकी पर
बॉस की कुटिलताओं पर
आप अनदेखी भी तो
नहीं कर सकते!
इसलिए मरते रहो
खुद ब खुद
एक दिन हकीकत का
अमली जामा खुद ब खुद
पहना दिया जाएगा
फ्लाने दिन फ्लाना
मर गया!!
बड़ा चंगा बंदा था
मिलनसार था
सबके काम आता था
पर जी
होनी को कौन टाल सकता है
फ्लाने के जनाजे में
कईयों ने साथ दिया
लोग आए रस्मी हुए
आंसू टपकाए
निकल लिए
कुछ इतने सहृदय निकले
फेस बुक पर
श्रद्धांजलि दी
फोटो भी चस्पां कर दी
फ्लाना लेखक
संसार छोड़ गया
बड़ी बेहतरीन गज़लें थी इनकी
और लाईक कमेंट का
सिलसिला शुरू