भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
आज जीने के लिए… / इमरोज़ / हरकीरत हकीर
Kavita Kosh से
पेंटेड मास्टरपीस
म्युजियम के लिए होते हैं
कल को देखने के लिए जानने के लिए
मुहब्बत ही सिर्फ
ज़िंदा मास्टरपीस ज़िन्दगी के लिए होती है
आज को जीने के लिए हर रोज़