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आज भी / कुमार राहुल

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आज भी हमने समंदर की तह छानी
आज भी भटके सहराओं में हम
आज भी बैठे मिस्ल-ए-मजनूं
आज भी छलके पैमाओं से हम

आज का दिन भी जाया हुआ
आज भी रहे तुमको लिखे बगैर...