भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

आज 1 जुलाई है 10 बज रहे हैं / हेमन्त दिवटे

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

आज एक जुलाई है
एक जुलाई को मुझे बच्चा होने वाला है
पत्नी को पण्डित जी ने बताए हैं तीन मुहूर्त
डॉक्टर को सुबह का फ्रेश मुहूर्त अच्छा लगा
सुविधाजनक लगा सभी को

दस बजे नहीं होता
स्टेशन रोड पर ट्रैफ़िक जाम
दस बजे होता है हर अस्पताल में
किसी न किसी के बच्चे का जन्म

दस बजने से पहले
मेरे मन में दस लाख विचारों का
हो रहा है जन्म और मरण
विचार अमीबा की तरह जन्म ले रहे हैं
अमीबा की तरह मर रहे हैं
मेरे विचारों का ड्रेनेज सिस्टम
हो चुका है जाम

होने वाले बच्चे की सोनोग्राफ़ी में
गर्दन को बल डालती हुई नाड़ी
कस रही है फन्दा मेरे गले पर
मेरा दम घुट रहा है
एक सीज़ेरियन ब्लेड मुझे चीर-चीर चीर रहा है
ख़ून की एक पिचकारी
फूट पड़ी है मेरे मन में
ब्लेड मेरे मन में सरक रहा है
आड़े-तिरछे
एक खंजर खच् खच् फाड़ रहा है मेरा गला
आरपार
कोई म्यूज़िक किसी पुराने टेप रिकॉर्डर के
उजड़े हुए हेड को घिसकर
रगड़कर
खिसक रहा है मेरे मस्तिष्क में
रिस रहा है
सत्रह सौ साठ सुइयों से छिदे हुए रन्ध्रों से

बच्चा होने वाला है
जीवित या फिर शायद मृत
मन की हत्या करके
बच्चा होने वाला है या
होने वाला है मन की हत्या से छूटकर

बम विस्फोट हो रहे हैं सीरियली
मेरे सर में
मुझे रौंद-रौंदकर मार रही है भीड़
मैं पागलों की तरह कफ़्र्यू लगे रास्ते पर
दौड़ रहा हूँ
मेरे पीछे लगा हुआ है हथियारबन्द जमघट
दंगा शुरू होने वाला है
मुझसे
मुझसे शुरू होने वाली है
फाँसी की शुरुआत
मुझसे शुरू होने वाला है युद्ध
ये एम्बुलेन्स, फायर ब्रिगेड की गाड़ियाँ
सफ़ेदपोश स्ट्रेचर वाले
सफ़ेद कपड़ों वाली थुलथुल नर्सें
सायरन बज रहे हैं भयावह
गोलियों, विस्फोटों की आवाज़ें
बरस रही है प्रेतों की धज्जियाँ
मेरे ही प्रेतों के परखचे
लाखों बीवियाँ छाती पीट-पीटकर
रो रही हैं
जड़ रही हैं ख़ुद को ही थप्पड़
सब मेरी ही पत्नी की हमशक़्ल हैं

एक विराट आईना गिर पड़ा है
टूटकर एक विशाल मैदान में
हर आईने में लहूलुहान
मेरी एक आँख तड़प रही है
सारी दुनिया में मेरी अनाथ आँखें
कर रही हैं इन्तज़ार दस बजने का
दस बजे मैं कौन होऊँगा?
बच्चे का बाप? या फिर
मरे हुए मन का?
मेरे मन में दस बज रहे हैं
और दुनिया मेरी ओर मुँह किए खड़ी है
ठसाठस इकट्ठा होकर

देख रही है दुनिया मेरे चेहरे पर कैमरे ताने
लाइव टेलीकास्ट ऑफ़ बिकमिंग अ फादर
लाइव टेलीकास्ट ऑफ़ बिकमिंग मैड

दस बज रहे हैं
क्या दस बज रहे हैं?
क्यों बज रहे हैं?
दस बज रहे हैं
बज रहे हैं दस
बज रहे दस हैं दस रहे हैं बज रहे हैं बज दस

कहाँ बज रहे हैं?
या मैं दस बजने की कल्पना कर रहा हूँ?
कल्पना कर रहा हूँ या
जिस-तिस की घड़ी में, मोबाइल में
कम्प्यूटर में, एफ०एम० पर, टीवी पर
स्टेशन पर, बस में, ऑफ़िस में, मरघट में, कार में
बार में, गली-कूचे में, सारी की सारी मुम्बई में
दस बज रहे हैं

आओ दस बजे करें हम सेलिब्रेट
चलो दस बजे हो जाएँ हम स्किट्ज़ोफ़्रीनिक
चलो दस बजे हो जाएँ हम एक के दस या
दस के एक

किस भाषा में दस कैसे बजते हैं?
अलग-अलग भाषाओं में एक ही दस बजें
अलग-अलग रंगों में एक ही दस बजें
एक बार दस बज जाएँ किसी भी तरह

कम से कम आज तो बज ही जाएँ

मूल मराठी से अनुवाद : सरबजीत गर्चा