जो बड़ा हो रहा था
बढ़ रहा था
वह लोकतंत्र था
वह पहले भीड़ में बदला
फिर शोर में
और फिर हत्याओं में
वह आदमकद था
और देस लघुमानव
फिर वह आदमकद
आदमखोर में तब्दील हो गया
इस तरह लोकतंत्र
आदमखोर लोकतंत्र में प्रतिष्ठित हुआ ।
जो बड़ा हो रहा था
बढ़ रहा था
वह लोकतंत्र था
वह पहले भीड़ में बदला
फिर शोर में
और फिर हत्याओं में
वह आदमकद था
और देस लघुमानव
फिर वह आदमकद
आदमखोर में तब्दील हो गया
इस तरह लोकतंत्र
आदमखोर लोकतंत्र में प्रतिष्ठित हुआ ।