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आधुनिक तकनीक / अमरजीत कौंके

Kavita Kosh से
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सुनते थे
कि लोग चेहरे पर
मुखौटा चढ़ा लेते थे
बहुत पुरानी बात है

फिर एक मुखौटे के नीचे
दूसरा
फिर तीसरा
अनगिनत मुखौटे

यह बात भी पुरानी हो गई

समय बदलने के साथ
परिवर्तन आया
अब लोग मुखौटे नहीं पहनते
अब उन्होंने क्षणों में
चेहरे तबदील करने की
आधुनिक तकनीक सीख ली है

अभी तुम्हारे सामने
कबूतर बैठा था
अभी दहाड़ता शेर बन गया
अभी वह चालाक लोमड़ी में
परिवर्तित हुआ
और अभी तीतर-बटेर बन गया
अभी वो पालतू कुत्ता था
तुम्हारे पैर चाटता
अभी उड़न-साँप बन कर
तुम्हें काटता
इतना ज़हरीला
कि आदमी
पानी भी न मांगता

लोग
मुखौटे पहनते थे
यह युगों पुरानी बात है

अब लोगों ने
चेहरे तबदील करने की
आधुनिक तकनीक सीख ली है।