भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
आनन पूरनचंद लसै / मतिराम
Kavita Kosh से
हिन्दी शब्दों के अर्थ उपलब्ध हैं। शब्द पर डबल क्लिक करें। अन्य शब्दों पर कार्य जारी है।
आनन पूरनचंद लसै अरबिंद –बिलास- बिलोचन पेखे .
अंबर पीत लसै चपला छबि अम्बुद मेचक अंग उरेखे .
कामहूँ ते अभिराम महा ‘मतिराम’ हिये निहचै करि लेखे .
तैं बरनै निज नैनन सों, सखी मैं निज नैनन सौं जनु देखे .