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आनन पूरनचंद लसै / मतिराम

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आनन पूरनचंद लसै अरबिंद –बिलास- बिलोचन पेखे .

अंबर पीत लसै चपला छबि अम्बुद मेचक अंग उरेखे .

कामहूँ ते अभिराम महा ‘मतिराम’ हिये निहचै करि लेखे .

तैं बरनै निज नैनन सों, सखी मैं निज नैनन सौं जनु देखे .