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आपका एक इशारा तो हो! / गुलाब खंडेलवाल
Kavita Kosh से
आपका एक इशारा तो हो!
कोई जीने का सहारा तो हो!
ख़ूब मातम मना रहे हैं दोस्त
दो घड़ी ज़िक्र हमारा तो हो!
देख लें प्यार से मुड़कर वे भी
हमने दिल से भी पुकारा तो हो!
इस तरफ़ एक किनारा है, मगर
उस तरफ़ कोई किनारा तो हो!
तेरी तड़पन समझ सकेगा गुलाब!
कोई इस दर्द का मारा तो हो!