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आपका दिल मेरे प्यार के काबिल नहीं / तारा सिंह

Kavita Kosh से
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आपका दिल मेरे प्यार के काबिल नहीं है
खाक में मिल जाना साहिल नहीं है

मेरा दिल बिस्मिल है, कातिल नहीं है
कहती है, यह रंगे महफ़िल नहीं है
 
जिक्र मेरी बदी की महफ़िल में हो, मेरा
गम इन्तिहाने इश्क के काबिल नहीं है
 
न आप मिलने पे आमादा हैं,न मैं मिलने के
काबिल हूँ , इस मुहब्बत की मंजिल नहीं है