भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

आप का आधा-सा कुछ वादा रहा / रवि सिन्हा

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

आप का आधा-सा कुछ वादा रहा
और मैं कुछ मुतमइन<ref>आश्वस्त (Assured)</ref> ज़्यादा रहा

बज़्म में हर एक पे तेरी नज़र
और मैं बस तुझ पे आमादा रहा

अंजुमन<ref>सभा (Meeting, Gathering)</ref> में तो हुआ था एहतिराम<ref>सम्मान (Honour)</ref>
उम्र भर वो शख़्स उफ़्तादा<ref>दुखी (Miserable)</ref> रहा

दामने-तहज़ीब पे धब्बे हैं यूँ
बारहा मैं महफ़िले-आदा<ref>दुश्मनों की सभा (Assembly of Enemies)</ref> रहा

एक तू था और इक तेरा वज़ीर
मैं तुम्हारे खेल में प्यादा रहा

आप के आने के चर्चे शहर में
और मैं रस्ते में इस्तादा<ref>खड़ा (Standing)</ref> रहा

रूह की चालाकियों के फ़लसफ़े
जिस्म का रद्दे-अमल<ref>प्रतिक्रिया (Response)</ref> सादा रहा

शब्दार्थ
<references/>