आप दरियाव, पास नदियों के जाना नहीं,
दरियाव, पास नदी होएगी सो धावैगी.
दरखत बेलि आसरे को कभी राखता न,
दरखत ही के आसरे को बेलि पावैगी.
मेरे तो लायक जो था कहना सो कहा मैंने,
रघुनाथ मेरी मति न्याव ही की गावैगी.
वह मुहताज आपकी है, आप उसके न,
आप क्यों चलोगे? वह आप पास आवेगी.