भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

आबो तनी गौर करो, देश के दशा के देखो / विजेता मुद्‍गलपुरी

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

आबो तनी गौर करो, देश के दशा के देखो
देश-कोष नेता के निवाला में चलल गेलै
ऐस-मोज, राग-रंग, सुख-भोग खूब भेलै
जनता के हक मधुशाला में चलल गेलै
जन-प्रतिनिधि जे कि अप्पन इमान बेची
भागी-भागी-भागी के हवाला में चलल गेलै
कुछ गेलै यूरिया में, कुछ अलकतरा में
कुछ पशुपालन घोटाला में चलल गेलै