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आम आदमी / समझदार किसिम के लोग / लालित्य ललित
Kavita Kosh से
जरूरी नहीं
मनमर्जी आपकी
हर वक्त चले
और सामने वाला
आप की बात
हर समय
मान ही लें
आप कोई
किसी राज्य के महाराज
थोड़े ही हैं !
आप हैं
एक आम आदमी
जो हमेशा से
सताया हुआ है
सुविधाभोगियों से
ओ आश्रित
मैं तुम्हारी बात कर
रहा हूँ
और तुम
कान में इयर फोन लगा
बैठे