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आयने में झुर्रियों के अक्स हैं, हम क्या करें / कुमार रवींद्र

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आयने में झुर्रियों के अक्स हैं, हम क्या करें
उम्र-भर के दर्द दिल पर नक्श हैं, हम क्या करें
 
क्या बताएँ- हम हुए किस्सा पुराने वक़्त के
शहर में तो अज़नबी सब शख़्स हैं, हम क्या करें
 
साल पहले मरे अपने दोस्त रामादीन थे
रात पिछली मरे अल्लाबख़्श हैं, हम क्या करें
 
कहीं होते रोज़ जलसे- कहीं अंधी रात है
और नंगे हो रहे अब रक़्स हैं, हम क्या करें
 
फेन साबुन का नदी पर- ताल पर भी झाग है
इन दिनों परियाँ लगातीं लक्स हैं, हम क्या करें