♦ रचनाकार: अज्ञात
भारत के लोकगीत
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आरे ओ, ओरे सुजन नाइया-
कोन वा देशे याओ रे तुमि, सोनार तरी बाइया।।
कोन वा देशे बाड़ी तोमार, कोन वा देशे याओ।।
एइ घाटे लगाइया नाओ, आमार लइया याओ।।
सोनार तरी, रंगेर बादाम, दिवाछ उड़ाइया।
पुबाली बातासे बादाम उड़े रइया रइया।।
रंग देखिया एइ अभागी कान्दे घाटे बइया।
सोतेर टाने कलसी आमार गेल रे भसिया।।
आइस आइस सुजन नाइया, कलसी देओ धरिया।।
कि धन लइया याइब घरे, शून्य आमार हिया।।