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आवगे निंदिया / अमरेन्द्र
Kavita Kosh से
आव गे निंदिया झुनमुन झुन
नूनू करै छै कुनमुन कुन।
गोड़ मली दैं आवी केॅ
गीत परी के गावी केॅ
थपथप करी केॅ थपकी दैं
गुड़िया रानी लपकी दैं
ऐलै निंदिया मलकी-मलकी
बिछिया बाजै रुनझुन रुन
आव गे निंदिया झुनमुन झुन।
मलमल केरोॅ निंदिया रानी
झलमल-झलमल सोना-चानी
सिर-सिर-सिर-सिर हवा बहै
खुसुर फुसुर की नींद कहै
नीनोॅ में छै नूनू चुप
फूल गिरै छै टुप, टुप, टुप
नूनू में छै अनधुन गुन।
आव गे निंदिया झुनमुन झुन