भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
आविर्भाव / रामनरेश पाठक
Kavita Kosh से
हिन्दी शब्दों के अर्थ उपलब्ध हैं। शब्द पर डबल क्लिक करें। अन्य शब्दों पर कार्य जारी है।
बगीचों में जग रही है
कृष्णचूड़ा
निकटतम अवस्त्रा प्रकृति
तंद्रिल नृत्यरता है
संस्कृति
हथकरघे पर किकुरी लगाए
सो गए हैं लोग
चांदनी लोकगीत गाती है
एक अंधा गहरा कुआँ बुलाता है
उपासना के
ऋक, साम, यजु:, अथर्व स्वरों में
कुछ ढूंढते फिर रहे हैं पृथ्वीपुत्र
अभी-अभी उठेगा एक ज्ञान
और
एक नया दर्शन जन्म लेगा