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आ जखनी महिसौथा बरियाती जुमलै / मैथिली लोकगीत

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मैथिली लोकगीत   ♦   रचनाकार: अज्ञात

आ जखनी महिसौथा बरियाती जुमलै
चुमा आ चाखर कनियाँ भयलै
जखनी आ सीरी नरूपिया बोलै छै
हौ धोती आय फेर यारजी से कऽले
तकर जवाब सतबरता दै छह।
सुनऽ सुनऽ हय सती दुलहिनियाँ
गै सबके ब्याह महिसौथामे करौलियै
हा कोइ ने कुमार महिसौथामे रहलौ
सब दुलहिनियाँ मंगल करलै
रेशमा कुसमा नाम लगै छै
गै रेशमा कुसमा दौना मलीनियाँ
रानी तरेगना नाम फुलवंती
जइ दिन जनम मोरंगमे लेलकै
सोइरी घरमे अँचरा उठौलकै
बान्हल अँचरा अँचरा रहलै
वयस बूढ़ेलय केश तिलकलै
अल्फावयस तरूणीया बीतलै
बाबू भाइ के बात कटलकै
नगर समाज के बात नै केलकै
जातिया दुसधबा पर अँचरा मलीनियाँ बान्धि
देलकै यौ।।
हौ एत्ते अय बात देवता बजैय
हा तब जवाब सती साँमैर दै छै
सुनऽ सुनऽ हय स्वामी नरूपिया
तोरा कहै छी दिल के वार्त्ता
हा जइ दिन गौनमा हमरा कराओलऽ
सखी मालीन से युद्ध पड़लऽ।
आ जइ दिन कोहबर से चोरी तू भऽ गेल
हा लऽकऽ मलीनियाँ भागल चलि जाइ छल
तइ दिन मालीन सत करौलकै
सतबा कराकऽ मलीनियाँ अहाँ क माँगि लेलकै यै।।