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आ जा कि तेरा आज भी इंतजार / तारा सिंह
Kavita Kosh से
आ जा कि तेरा आज भी इंतजार है
तेरे बिन दुनिया में जीना दुशवार है
तेरी नजरों से हम दूर सही, मगर मेरा
दिल आज भी तेरी जुल्फ़ों में गिरफ़्तार है
जाने क्या सकून मिलता, तेरी गली में,मेरे
दिल को पाँव बढ़ता चला आता यहाँ,बार-बार है
माना कि दुनिया में खुशियों की कमी नहीं
मगर, अपने यार बिना सब कुछ बेकार है
तू रह कहीं, मर्जी तेरी, मगर इतना तू
याद रख, यह दुनिया एक बाजार है