जो तुम्हारे लिए नहीं लिखा गया,
उसमें भी उपस्थित हो
और अदृश्य की तरह
मौज़ूद हो तुम
हर तरफ़
दूरी में बहुत दूर जैसे
जिंदगी में न की बिंदी
इश्क़ का आधा श
और इंतज़ार में आ की मात्रा
जो तुम्हारे लिए नहीं लिखा गया,
उसमें भी उपस्थित हो
और अदृश्य की तरह
मौज़ूद हो तुम
हर तरफ़
दूरी में बहुत दूर जैसे
जिंदगी में न की बिंदी
इश्क़ का आधा श
और इंतज़ार में आ की मात्रा