भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

इंतज़ार / देवयानी

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

यह धरती जो उर्वरा है
स्वप्न उर्वरा, इच्छा उर्वरा
इस धरती को इंतज़ार है
एक बारिश, एक बूंद का।