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इआद / हम्मर लेहू तोहर देह / भावना
Kavita Kosh से
दूभी के तोर-तोर के
गोर ला बनइली पैजनी
लसफसिया के तोर-तोर के
हाथ ला बनइली पहुंची
भंगरिया के फूल तोर
कान ला बनइली कनफूल
गम्हार के बीया गांथ के
बनइली मटरमाला
मिल-जुल के सखी संगे
खेलली दुलहा-कनिया
घेटा-जोरी क के गइली
गीत बन नचनिया
कइसन सुन्नर रहे जिनगी
कईसन सुन्नर दुनिया
अब त इआद में खाली
सेस रह गेल "भावना"