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इकड़ी-तिकड़ी / रमेश तैलंग
Kavita Kosh से
इकड़ी-तिकड़ी,
तिकड़म ता ।
हुआ सबेरा,
अब उठ जा ।
इकड़ी-तिकड़ी
तिकड़म-ता ।
दाँत माँज कर,
रोज़ नहा ।
इकड़ी-तिकड़ी
तिकड़म-ता ।
मान बड़ों का,
सदा कहा ।