भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
इकहत्तर कविताएँ और तीस छोटी कहानियाँ / बैर्तोल्त ब्रेष्त / मोहन थपलियाल
Kavita Kosh से
इकहत्तर कविताएँ और तीस छोटी कहानियाँ
रचनाकार | अनुवादक मोहन थपलियाल |
---|---|
प्रकाशक | परिकल्पना प्रकाशन, 3/274, विश्वास खण्ड, गोमती नगर, लखनऊ - 226-010 |
वर्ष | 1998 |
भाषा | हिन्दी |
विषय | कविता |
विधा | छन्दहीन |
पृष्ठ | 145 |
ISBN | |
विविध |
इस पन्ने पर दी गई रचनाओं को विश्व भर के स्वयंसेवी योगदानकर्ताओं ने भिन्न-भिन्न स्रोतों का प्रयोग कर कविता कोश में संकलित किया है। ऊपर दी गई प्रकाशक संबंधी जानकारी छपी हुई पुस्तक खरीदने हेतु आपकी सहायता के लिये दी गई है।
इकहत्तर कविताएँ
- भूखों की रोटी हड़प ली गई है / बैर्तोल्त ब्रेष्त / मोहन थपलियाल
- लड़ाई का कारोबार / बैर्तोल्त ब्रेष्त / मोहन थपलियाल
- आने वाले महान समय की रंगीन कहावत / बैर्तोल्त ब्रेष्त / मोहन थपलियाल
- युद्ध जो आ रहा है / बैर्तोल्त ब्रेष्त / मोहन थपलियाल
- दीवार पर खड़िया से लिखा था / बैर्तोल्त ब्रेष्त / मोहन थपलियाल
- ऊपर बैठने वालों का कहना है / बैर्तोल्त ब्रेष्त / मोहन थपलियाल
- नेता जब शान्ति की बात करते हैं / बैर्तोल्त ब्रेष्त / मोहन थपलियाल
- जब कूच हो रहा होता है / बैर्तोल्त ब्रेष्त / मोहन थपलियाल
- वे जो शिखर पर बैठे हैं / बैर्तोल्त ब्रेष्त / मोहन थपलियाल
- 1940 (6) / बैर्तोल्त ब्रेष्त / मोहन थपलियाल
- अच्छे कारण के लिए खदेड़ा गया / बैर्तोल्त ब्रेष्त / मोहन थपलियाल
- अगली पीढ़ी के लिए / बैर्तोल्त ब्रेष्त / मोहन थपलियाल
- हालीवुड / बैर्तोल्त ब्रेष्त / मोहन थपलियाल
- शरणार्थी वाल्टर बेंजामिन की आत्महत्या पर / बैर्तोल्त ब्रेष्त / मोहन थपलियाल
- गौरव / बैर्तोल्त ब्रेष्त / मोहन थपलियाल
- हर चीज़ बदलती है / बैर्तोल्त ब्रेष्त / मोहन थपलियाल
- एम० (मयकोवस्की) के लिए समाधिलेख / बैर्तोल्त ब्रेष्त / मोहन थपलियाल
- जब हमारे शहर बरबाद हुए / बैर्तोल्त ब्रेष्त / मोहन थपलियाल
- समाधान / बैर्तोल्त ब्रेष्त / मोहन थपलियाल
- महान युग खत्म हुआ / बैर्तोल्त ब्रेष्त / मोहन थपलियाल
- सच हमें जोड़ता है / बैर्तोल्त ब्रेष्त / मोहन थपलियाल
- लोहा / बैर्तोल्त ब्रेष्त / मोहन थपलियाल
- एक रूसी किताब पढ़ते हुए / बैर्तोल्त ब्रेष्त / मोहन थपलियाल
- कला की इष्टदेवियाँ / बैर्तोल्त ब्रेष्त / मोहन थपलियाल
- सुख / बैर्तोल्त ब्रेष्त / मोहन थपलियाल
- जनता की रोटी / बैर्तोल्त ब्रेष्त / मोहन थपलियाल
- जो बोलते हो उसे सुनो भी / बैर्तोल्त ब्रेष्त / मोहन थपलियाल
- और मैं हमेशा सोचता था / बैर्तोल्त ब्रेष्त / मोहन थपलियाल
- दुख के कारणों की तलाश का कवि / बैर्तोल्त ब्रेष्त / मोहन थपलियाल
- जलता हुआ पेड़ / बैर्तोल्त ब्रेष्त / मोहन थपलियाल
- मेरी माँ / बैर्तोल्त ब्रेष्त / मोहन थपलियाल
- साल-दर-साल / बैर्तोल्त ब्रेष्त / मोहन थपलियाल
- मैरी अ० को याद करते हुए / बैर्तोल्त ब्रेष्त / मोहन थपलियाल
- बेचारे बैर्तोल्त ब्रेष्त की बाबत / बैर्तोल्त ब्रेष्त / मोहन थपलियाल