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इक पल में ज्यूँ हसीं ये संसार हो गया है / हरकीरत हीर
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इक पल में ज्यूँ हसीं ये संसार हो गया है
वीरान दिल था मेरा, गुलज़ार हो गया है
बढ़ती ही जा रही हैं बेचैनियाँ ये दिल की
लगता मुझे किसी से अब प्यार हो गया है
देखा है जब से उनको धड़कन थमी नहीं है
गुमसुम हुआ सा दिल ये बीमार हो गया है
कैसे भला बताऊँ, दिल की ये बेकरारी
ये इंतज़ार कैसा, ग़मसार हो गया है
तकती ये 'हीर' रहती, हरपल उठा निगाहें
जीना बिना ज्यूँ उनके, दुश्वार हो गया है