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इज़्ज़तपुरम्-22 / डी. एम. मिश्र
Kavita Kosh से
सबकी
हथेली में
किस्मत की
लकीरें
भले ही न हों
पर
सबके हाथ
बदल सकते हैं
मुक्के में
दुनिया
आ सकती है
छोटी-सी
मुट्ठी में