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इज़्ज़तपुरम्-37 / डी. एम. मिश्र
Kavita Kosh से
गुलाबो
अब बेचने लगी रेवड़ियाँ
रामफल के साथ
पूर्व संस्कार और
आचरण के लफ्ज
जरूरतों के सामने
बौने हो गये
सम्बल की
चाह में
रामफल की दोस्ती
पल-पल प्रगाढ़ हुई