भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

इज़्ज़तपुरम्-85 / डी. एम. मिश्र

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

जेठ की नदी
उड़ती रेतों में
डूबा प्रवाह
अपना ढूँढती

कब्रिस्तान के
करीब पहुँच
जिंदगी अपनी लगी