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इण रो कांई / इरशाद अज़ीज़
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					कुण जाणै कैड़ो होसी 
आवण आळो बगत 
अर औ बैवतो बगत 
कीं नीं कैवै 
कांई कैवै अर किणनैं कैवै 
कोई सुणै जद नीं! 
घाल लो कानां मांय तेल 
करो सुणी अणसुणी 
इण रो कांई
औ चालतो रैसी 
अर छोडतो रैसी 
आपरा अेलांण।
	
	