इन अंग्रेज फिरंगियां का तै / रणवीर सिंह दहिया
फिरंगियों की कारस्तानी से लोग वाकिफ होने लगे थे। उनकी उदार छवि के पीछे का क्रूर चेहरा लोगों को नजर आने लगा था। कभी कहीं तो कभी कहीं गांव में उनकी कमीनी हरकतों की कहानियां लोगों तक पहुंचने लगी थी। कई अंग्रेजों के पिठ्ठू उनकी चाटूकारिता करते थे और उनकी बहुत बड़ाइयां किया करते। मगर आम आदमी अंग्रेज हुकमरानों की शाम दाम दण्ड भेद की नीतियों को बखूबी जानने समझने लगा था। एक दिन एक अंग्रेजा को चाटूकार परिवार की महिला झलकारी बाई से अंग्रेजांे के बारे में उलझ गई। वह महिला ब्राह्यण परिवारों से थी। मगर झलकारी बाई ने उसकी बातों का गम्भीरता से जवाब दिया और फिरंगियों के चरित्रा के बारे में उस महिला को समझाया। क्या बताया भलाः
इन अंग्रेज फिरंगियां का तै, नाम लेण मैं भी टोटा री॥
चौड़े के मां म्हारे गूठे कटाये, ये बिचौलिया सिर पै बिठाये
मगरमच्छ के आंसु बहाये, जनता नै योहे दुख मोटा री॥
यो कमीशन खाया हथियारां मैं, बांट दिया गद्दार साहूकारां मैं
बूझो देश के इन ठेके दारां नै, कौन खरया कौन खोटा री॥
दुनिया मैं चरचा होरी आज, फिरंगी हुया देश का घोरी आज
हम ढूंढा कोए फौरी इलाज, देश का मूधां मारया लोटा री॥
एक बै चढ़गी काट की हाण्डी, जमकै मारी इननै डाण्डी
ईब इनकी चाल हुई बाण्डी, ये रणबीर गशीला झोटा री॥