भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
इलाज / लीलाधर मंडलोई
Kavita Kosh से
शरीर में भिदी गोली
निकल गई
दर्द निकल गया
भर गया घाव भी
जो घाव मन में हुआ
किसी के पास नहीं था उसका इलाज