इश्क़ मुहब्बत प्यार व्यार के अपने जादू टोने हैं! / सरोज मिश्र
इश्क़ मुहब्बत प्यार व्यार के अपने जादू टोने हैं!
पहले दिल को जुड़ना होगा, फिर दो टुकड़े होने हैं!
एक राह पर दो अनजाने,
परिचय हो ही जाना है!
फिर परिचय की भाव भूमि पर,
नेह सुमन मुस्काना है!
सुमन खिलेगा तो फिर खुश्बू,
दोनो हाथ लुटायेगा!
लुट कर भी ये फूल बेचारा,
बेमौसम झर जायेगा!
मौसम था निर्दोष मगर ये स्वांग उमर भर ढोने है!
पहले दिल को जुड़ना होगा, फिर दो टुकड़े होने हैं!
उसने जितने दिये बनाये,
उतनी बाती गिनती में!
कोई जलता रंगमहल में,
कुछ शामिल हैं विनती में!
लेकिन उनका क्या है जो बस,
जले पीर के अर्चन में!
या फिर विस्मृत किये गए है,
जल के मध्य विसर्जन में!
कहने को ही गोल है दुनियाँ, सच में दसियों कोने हैं!
पहले दिल को जुड़ना होगा फिर दो टुकड़े होने हैं!