इस जगह ठहरूँ या वहां से सुनूँ मैं तेरे जिस्म को कहां से सुनूँ मुझको आग़ाज़े-दास्तां है अज़ीज़ तेरी ज़िद है कि दरमियाँ से सुनूँ रात क्या कुछ ज़मीन ओर बीती पहले तुझसे फिर आसमां से सुनूँ कितनी मासूम सी तमन्ना है नाम अपना तेरी ज़बां से सुनूँ।