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इस जहाँ में प्यार महके जिन्दगी बाकी रहे / देवमणि पांडेय

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इस जहाँ में प्यार महके ज़िंदगी बाक़ी रहे
ये दुआ माँगो दिलों में रोशनी बाक़ी रहे ।

आदमी पूरा हुआ तो देवता बन जाएगा
ये ज़रूरी है कि उसमें कुछ कमी बाक़ी रहे ।

हर किसी से दिल का रिश्ता काश हो कुछ इस तरह
दुश्मनी के साए में भी दोस्ती बाक़ी रहे ।

दिल के आँगन में उगेगा ख़्वाब का सब्ज़ा ज़रूर
शर्त है आँखों में अपनी कुछ नमी बाक़ी रहे।

लब पे नगमा वफ़ा का दिल में ये जज़्बा भी हो
लाख हों रूसवाइयाँ पर आशिकी बाक़ी रहे।

दिल में मेरे पल रही है यह तमन्ना आज भी
इक समंदर पी चुकूँ जब तिश्नगी बाक़ी रहे।