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इस धरती पर / रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु'
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धरो पैर इस धरती पर
तब आगे बढ़ पाओगे ।
नभ में इतना नहीं उड़ो
जाने कब गिर जाओगे ।
सावधान किसी दिन बड़े
गड्ढे में गिर जाआगे ।
हमने माना नोटों के
बिस्तर तुम बिछवा सकते ।
पर क्या इन नोटों से तुम
नींद घड़ी भर लाओगे ।
किया आचमन धोखे का
मंत्र कपट के खूब पढ़े ।
माना ऊँचे अम्बर में
कटी पतंग से खूब चढ़े ।
तेज हवा का झोंका जब
जिस पल भी रुक जाएगा ।
बिना डोर की पतंग को
धरती पर ले आएगा ।
इसीलिए मैं कहता हूँ-
मत मन में अभिमान करो ।
अच्छे काम करो जी-भर
बुरे काम से सदा डरो ।