इहाँ-उहाँ नाचे रमकलिया / दीपक शर्मा 'दीप'
इहाँ-उहाँ नाचे रमकलिया
भीतर-बाहर दाँय-बाँय
माट साब सोवे हैं दम भर
साँस चल रही फाँय-फाँय
बईठे-बईठे करें गदेला
झोंटा-झपटी गारी हो
भईया यदि बिद्यालय हो तो
राम कसम सरकारी हो...
एक-तीन त खूब पढ़ाईस
दुई-चार के टोटा बा
दउर-दउर के सिच्छक भागे
हाथ में ओनके लोटा बा
फार-फार के पन्ना लड़िकन
गढ़ें नयी खुलचारी हो
भईया यदि बिद्यालय हो तो
राम कसम सरकारी हो...
धरी रह गयी युक्ति सारी
गई योजना मारी हो
छान-बान्ह के भोज दुपहरी
लड़िका भरें कुरारी हो
फेल भयल जब कलुआ दुइ में
गरियायें महतारी हो
भईया यदि बिद्यालय हो तो
राम कसम सरकारी हो...
हिन्दी, गणित न जाने एक्को
अंगरेज्जी में काँय काँय
पटर-पटा-पट बाँचें गुरुआ
कान से गुज़रे साँय-साँय
जच्चा रोवे, बच्चा रोवे
रोवे बस्ता भारी हो
भईया यदि बिद्यालय हो तो
राम कसम सरकारी हो...