भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

ईश्‍वर / लीलाधर मंडलोई

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज


ईश्‍वर क्‍या है
एक दुकान

कितने धर्मों से
अपना सफल व्‍यवसाय करता है

ईश्‍वर का धन्‍धा कभी घाटे में नहीं चलता