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ईश्वर / लीलाधर मंडलोई
Kavita Kosh से
ईश्वर क्या है
एक दुकान
कितने धर्मों से
अपना सफल व्यवसाय करता है
ईश्वर का धन्धा कभी घाटे में नहीं चलता