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ई दुनिया / निर्मल सिंह
Kavita Kosh से
बेरहमी सें हमरा सतावै छै दुनियाँ
हाँसी-हाँसी हमरा कनावै छै दुनियाँ
जेहनोॅ छी हम्में, ऊ ओहने ठहरलै
पर हमरा पेॅ औंगरी उठावै छै दुनियाँ
सुक्खोॅ के ताज अपना माथा पर लेलेॅ
जुल्म हमरा पेॅ ढाहै-गिरावै छै दुनियाँ
खबर पूछै छी हम्में आपनोॅ सनम रोॅ
मरी जाय के तालीम सिखावै छै दुनियाँ
हुनकोॅ ख्यालोॅ में गमगीन ‘निर्मल’ छै
‘निर्मल’ केॅ पागल बतावै छै दुनियाँ ।