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उँगलियाँ / सेम्बेन ओसमान / सवाई सिंह शेखावत
Kavita Kosh से
उँगलियाँ जो दक्ष हैं मूर्तिकला में
संगमरमर पर बुत तराशने में
विचारों को रूपान्तरित करने में
उँगलियाँ जो चकित कर देती हैं
कलाकारों की उँगलियाँ
उँगलियाँ मोटी और भारी
जो खेत गोड़ती और जोतती हैं
और बोने के लिए तैयार करती हैं
खेतिहरों की उँगलियाँ
बन्दूक के घोड़े पर कसी उँगली
निशाने पर जमी नज़रों की
परिधि में तनी उँगली
ज़िन्दगी के कगार पर खड़े लोग निर्भर हैं
उन उँगलियों की कृपा पर
जो ख़त्म कर देती हैं ज़िन्दगी
एक सैनिक की उँगलियाँ
नदियों और भाषाओं के पार
योरोप और एशिया
चीन और अफ्रीका
भारत और अतलांतिक से परे
आओ, उन उँगलियों को जोड़ें
जो उनकी उँगली तोड़ दें
जो मानवता को शोकाकुल किए है !
अँग्रेज़ी से अनुवाद : सवाई सिंह शेखावत