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उड़ चलो पवन की चाल मन भौरा बगीचा / बुन्देली

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   ♦   रचनाकार: अज्ञात

उड़ चलो पवन की चाल, मन भौरा बगीचा
उड़ चलो हो मां।
कौना लगाये मैया बेला चमेली
कौना लगाये अनार लटका
अनार झुमका रे। उड़ चलो...
राजा लगाये मैंया बेला चमेली,
रानी लगाईं अनार लटका रे अनार झुमका रे।
उड़ चलो...
काहे को सींचूं मैया बेला चमेली,
काहे सींचूं अनार लटका रे। उड़ चलो...
दूधन सींचूं मैया बेला चमेली, अमृत लाल अनार
अनार फटका रे बगीचा उड़ चलो मां। उड़ चलो...
काहे में गोडूं मैया बेला चमेली, काहे को लाल अनार
लटका रे बगीचा उड़ चलो मां। उड़ चलो...
कुदरन गोडूं मैया बेला चमेली, खुरपन लाल अनार
लटका रे बगीचा उड़ चलो मां। उड़ चलो...