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उत्साह / चन्द्रकुंवर बर्त्वाल
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उत्साह (निराशा का चित्रण)
निरूत्साह होना इस जग में
महापाप है,
सदा कर्म करना,
लड़ना ही श्रेय यहां हैं
यहां अमृत है आशा ,
विष है विषम निराशा
देती महा सफलता है
साहस की परिभाषा
लड़ो वीर का
सदा सहायक भाग्य रहा है।
निरूत्साह होना,
इस जग में महापाप है।
(उत्साह कविता का अंश)