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उम्मीद / संध्या नवोदिता
Kavita Kosh से
बड़ी उम्मीदों से
मैं तुममें तलाशती हूँ एक साथी
और नाउम्मीद हो जाती हूँ
हर बार
एक पुरुष को पाकर