उसने कहा -- 'मैंने किया प्रेम'
-- यह उसने कहा.
अब मैं उसकी मुस्कान में ज़िन्दा हूँ
बीती रात
जी भर निहारी थी जिसकी शोभा
और मन भर किया था गुणगान
उसी युवा स्प्रूस के छरहरे तने में
टटोलती-तलाशती हूँ कूल्हों की रूपाकृति
इससे पहले कि
मेरे लरजते हाथों में
अँगूठे के कोरों पर भार धरे पैरों में
दाँतों की पाँत में
वह रोप दे
इच्छाओं की गुनगुनाती पौध
घेर लेता है अजब नैराश्य
अपने ही हथेली पर अपनी ही ठोड़ी टेक
सोचती हूँ त्वचा के बारे में
जिसका तीखा चरपरा सुनहरा स्वाद
रह गया है याद
अँग्रेज़ी से अनुवाद : सिद्धेश्वर सिंह