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उस दिन जो तुमने कहा / केदारनाथ अग्रवाल
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उस दिन
जो तुमने
कहा
वह कहा
तट तोड़कर बहा
और मुझ तक पहुँचा
उसमें डूबकर मैं रहा
(अमृतराय के ११-१०-१९६५ के लेख की प्रतिक्रिया)
रचनाकाल: २४-१०-१९६५