उस देश की बेटी हूँ
जहाँ जन्म से पहले 
लड़की भ्रूण हत्या की 
शिकार होती है 
यदि भूल से 
दुनिया में आ ही गयी तो 
भूदान, गोदान की भाँति 
कन्यादान के लिए पाली जाती है 
पढ़ना - लिखना 
सीना - पिरोना 
खाना बनाना 
घर सजाना 
सिखाने का एक ही मकसद 
विवाह 
मानो विवाह बलिदान हो 
और वह 
बलि का बकरा 
नौकरीपेशा है तो 
कामधेनु है 
जल कर नहीं मरेगी 
मानो सोने की मुर्गी हो
अंडे देगी , जिन्दा रहेगी 
अंडे न दे तो 
दहेज लाये 
वरना उसे 
जीने का अधिकार नहीं 
निर्धन, घरेलू, बेकार को 
मरना होगा 
परिवार, समाज, देश पर 
बोझ है वह 
और 
बोझमुक्त होना 
इस देश में 
हर पुरूष का 
जन्मसिद्ध अधिकार है