भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
ऊब / बालकृष्ण काबरा 'एतेश' / लैंग्स्टन ह्यूज़
Kavita Kosh से
हमेशा
दरिद्रता में
जीना,
ऊब की
नहीं
कोई सीमा।
अँग्रेज़ी से अनुवाद : बालकृष्ण काबरा ’एतेश’